योगी सरकार जब से उत्तर प्रदेश में सत्ता में आयी है, प्राचीन धार्मिक स्थलों के कायाकल्प और सुरक्षा का भरपूर ध्यान रख रही है। इसी क्रम को बरकरार रखते हुए अब योगीजी ने मथुरा के कुसुम सरोवर का जीर्णोद्धार करने का बीड़ा उठाया है।
कुसुम सरोवर लम्बे समय से उपेक्षा का शिकार था। पर योगीजी ने इसका कायाकल्प करके इसे एक पर्यटन स्थल बनाने की बढ़िया कोशिश की है।
मथुरा के कुसुम सरोवर का इतिहास।
ऐसा कहा जाता है कि पौराणिक समय में कुसुम सरोवर पर बने कुण्ड के चारों और बनी कुसुम वाटिका से राधारानी अपनी सखियों के साथ रोज कुसुम के फूल चुनने के लिए आती थी।
ऐतिहासिक रूप से इस कुण्ड का कायाकल्प सन 1675 में ओरछा के राजा वीर सिंह देव ने कराया था। सन 1735 में इस पूरे क्षेत्र का कायाकल्प बुन्देलखण्ड के राजा वीर सिंह के आदेश से हुआ था।
उत्तर प्रदेश व्रज तीर्थ विकास परिषद के अनुसार जल्द ही इस स्थान पर अनूठा ध्वनि एवं प्रकाश कार्यक्रम और कृष्ण लीला करवाए जाएँगे तथा फव्वारें और कुसुम सहित अन्य नाना प्रकार के पुष्पों को मार्ग में लगाया जाएगा।
जानिए कुसुम सरोवर की खासियत के बारे में।
इस सरोवर के चारों तरफ सैकड़ो की संख्या में सीढ़ियां हैं। इस सरोवर के पास कई कदम के पेड़ हैं और कहा जाता है कि कदम का पेड़ भगवान कृष्ण को बेहद प्रिय था।
इस सरोवर का पानी तैरने के लिए बहुत ही अच्छा माना जाता है और पर्यटक यहाँ आकर बहुत ही सुकून महसूस करते हैं। कुसुम सरोवर के आसपास कई आश्रम और मंदिर भी हैं। साथ ही यहां की शाम की आरती भी पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती है।